मत कहो आकाश में कोहरा घना है

 मत कहो आकाश में कोहरा घना है ।

हिंदी साहित्यकार−गजलकार दुष्यंत कुमार की उम्र तो बहुत छोटी रही, लेकिन उनके शब्द सदियों तक कुशाशन के कान में चीखते रहेंगे। 
बिजनौर के राजपुर नवादा गांव में एक सिंतबर 1933 में जन्मे दुष्यंत कुमार का मात्र 43 वर्ष की आयु में 30 दिसंबर 1975 को भोपाल में उनका निधन हो गया।

दुष्यंत कुमार


हिंदी साहित्य को देकर नया आकार
आप बने ग़ज़लकार।
एक तरफ़ प्रेयशी के सौंदर्य बखान,
तो दूजे तरफ वीर गाथा बखान।
साहस और सौहार्द बखान कर,
किया आपने जन चेतना का विस्तार।
रहेगी शिकायत प्रभु से,
आपको दिया जीवन का सूक्ष्म उपहार।
आप कवि , आप ग़ज़लकार,
आप प्रेरणाश्रोत, आप जन जागरण कार।
नमन आपको दुष्यंत कुमार🙏



हिंदी साहित्यकार−गजलकार दुष्यंत कुमार हिंदी गजल के लिए जाने जाते हैं। वे हिंदी गजल के लिए विख्यात है किंतु उन्हें यह ख्याति हिंदी गजलों के लिए नहीं, हिंदुस्तानी गजलों के लिए मिली। संसद से सड़क तब मशहूर हुए उनके शेर हिंदुस्तानी हिंदी में हैं। हिंदुस्तानी हिंदी में उन्होंने सभी प्रचलित शब्दों को इस्तमाल किया। शब्दों को प्रचलित रूप में इस्तमाल किया। उन्ही चुनिंदा ग़ज़लों में से एक ग़ज़ल, दुष्यन्त जी की याद में।

मत कहो आकाश में कोहरा घना है 



मत कहो आकाश में कोहरा घना है 


मत कहो आकाश में कोहरा घना है 

ये किसी की व्यक्तिगत आलोचना है 


सूर्य हम ने भी नहीं देखा सुबह से 

क्या करोगे सूर्य का क्या देखना है 


इस सड़क पर इस क़दर कीचड़ बिछी है 

हर किसी का पाँव घुटनों तक सना है 


पक्ष-ओ-प्रतिपक्ष संसद में मुखर हैं 

बात इतनी है कि कोई पुल बना है 


रक्त वर्षों से नसों में खौलता है 

आप कहते हैं क्षणिक उत्तेजना है 


हो गई हर घाट पर पूरी व्यवस्था 

शौक़ से डूबे जिसे भी डूबना है 


दोस्तो अब मंच पर सुविधा नहीं है 

आज-कल नेपथ्य में सम्भावना है 


#dushyant_kumar

#दुष्यन्त_कुमार


Aparichita-अपरिचिताकुछ अपने, कुछ पराए, कुछ अंजाने अज़नबी के दिल तक पहुँचने का सफर। aparichita-अपरिचिता इसमें लिखे अल्फ़ाज़ अमर रहेंगे, मैं रहूं न रहूं, उम्मीद है, दिल के बिखड़े टुकड़ो को संभालने का सफर जरूर आसान करेगी। aparichita-अपरिचिता इसमें कुछ अपने, कुछ अपनो के जज़बात की कहानी, उम्मीद है आपके भी दिल तक जाएगी।

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# मत कहो आकाश में कोहरा घना है ।

#Mat_kaho_aakaash_me_kohra_ghna_hai.



                                                    ✍️दुष्यंत कुमार🥀





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